गुप्‍त गोदावरी- जो आज भी अबूझ पहेली बनी है

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Wednesday, February 22, 2017

मीठी यादों के साथ विदा हुआ नृत्य का विशेष उत्सव


                                    खजुराहो की नृत्‍य भरी शाम
 नटराज के शिष्य परंपरा से जुड़े मनीषियों की प्रस्तुतियों से सजे खजुराहो नृत्य महोत्सव के सात दिन आखिर विदा हो गए। निर्वाण थ्रू डांस की निर्माता और नृत्य भारती, कामायनी, क्लासिकल डांसेज आफ इंडिया सहित तमाम फिल्मों में अभिनय कर चुकी उमा डोगरा के कथक नृत्य की प्रस्तुति इस नृत्य महोत्सव की अंतिम प्रस्तुति बनी। मंगलवार की रात लगभग 9.20 बजे से चालीस मिनट का उनका भावपूर्ण नृत्य लोगों के लिए यादगार बन गया। उमा डोगरा ने खुद कहा कि यह उनके जीवन की सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति रही। उन्होंने कहा कि वैसे तो उन्होंने देश विदेश के तमाम स्टेजों पर अपना नृत्य प्रस्तुत किया पर यहां पर तो ऐसा लग रहा था कि देवाधिदेव भोले नाथ खुद ही उनका नृत्य देख रहे थे। गीत गोविंद की रचनाओं पर आधारित नृत्य नाटिकाओं में प्रस्तुत किया जाने वाला मार्मिक अभिनय सजीव रहा। देशी और विदेशी पर्यटकों व स्थानीय लोगों की तालियां लम्बे समय तक बजती रहीं।

इसके पूर्व मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम के अधिकारी व स्थानीय अधिकारियों ने घोषणा की कि खजुराहो डांस फेस्टिवल अगले पांच वर्षो तक 20 से 26 फरवरी को ही होगा। कार्यक्रम का शुभारंभ निरुपमा एवं राजेन्द्र की समकालीन नृत्य प्रस्तुति से हुआ। तमाम सम्मानों को प्राप्त करने वाली इस जोड़ी ने भरत नाट्यम की प्रस्तुति के दौरान कई बार दर्शकों की आंखों में आंसू ला दिए।

इसके बाद पद्मभूषण गुरु केलुचरण महापात्र की शिष्या ओडिसी नृत्यांगना आलोका कानूनगो ने नृत्य के दौरान श्री कृष्ण और राधा के साथ गोपियों की रास लीला के दर्शन कराए। खजुराहो डांस फेस्टिवल की अंतिम शाम में विदेशी और देशी पर्यटकों के साथ ही स्थानीय लोग भारी संख्या में मौजूद रहे।