गुप्‍त गोदावरी- जो आज भी अबूझ पहेली बनी है

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Friday, June 25, 2010

भांवरों मे पुरोहित ने दिया तुलसी व जामुन का पौधा

चित्रकूट। भले ही आज के दौर में लोग झूठी शान और शौकत दिखाने के लिए लाखों रुपये शादी विवाह में खर्च कर डालते हों लेकिन गुरुवार को मंदाकिनी के किनारे रामघाट पर एक ऐसा विवाह हुआ जो दूसरों के लिए मिसाल बन गया।

जी हां, बिना तामझाम और दहेज रहित दिन की रोशनी में हुए इस अनोखे विवाह के गवाह तीर्थनगरी के सैकड़ों लोग बने। दूल्हा और दुल्हन ने सात फेरे लेने के साथ ही सात वचनों के अलावा पर्यावरण और जल संरक्षण का न केवल संकल्प लिया बल्कि पुरोहित ने उन्हें तुलसी के बिरवा व जामुन के पौधे उपहार स्वरुप भेट किये। यह अनोखा विवाह सीतापुर में रामघाट के समीप रत्नावली मार्ग पर रहने वाले विजय किशोर शर्मा के पुत्र संजीव का था। नदी बचाओ तालाब बचाओ आंदोलन के संयोजक सुरेश रैकवार ने बताया कि विवाह बिना दहेज, बिना बिजली, बिना बाजा, बिना सजावट, बिना आतिशबाजी के सम्पन्न हुआ। साथ ही भांवरों के समय पुरोहित ने वर-वधू को एक-एक पौधा तुलसी व जामुन का भेंट गिया। अजयगढ़ से आये वधू संजना के पिता ने भी हर एक बराती का स्वागत करते समय बरसात के मौके पर एक-एक पेड़ लगाने का निवेदन किया।

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