गुप्‍त गोदावरी- जो आज भी अबूझ पहेली बनी है

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Saturday, April 24, 2010

युवराज से मिलने के बाद भी कुटुवा कोल की तो नही बदली किस्मत

चित्रकूट। भले ही कलावती की कहानी कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने भरी संसद में सुनाकर उसकी तकदीर की इबारत सुनहरे लफ्जों में लिख दी हो पर पाठा क्षेत्र के गांव जगन्नाथपुरम के कुटुवा कोल की किस्मत नही बदली। दो साल पहले राहुल गांधी जब उस गांव में आये थे तो उसने उन्हें अपनी समस्या बताई थी। उसका राशन कार्ड आज तक नही बना और उनके आने के बाद मनरेगा में भी कुल एक दिन की मजूदरी के सौ रुपये ही उसे मिल सके हैं। युवा कांग्रेस अध्यक्ष पंकज मिश्र जब इस गांव पहुंचे तो यह तस्वीर सामने आई। युवा कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि गांव में लोगों ने अपनी समस्यायें बताई। इसी गांव के निवासी कुटुवा ने भी अपनी स्थिति बताई तो वे चौंक पड़े। उसने बताया कि न तो उसे नरेगा में एक दिन के अलावा काम मिला और न ही उसका राशन कार्ड बना। इसके साथ ही गांव के आनंदी प्रसाद, सुखनंदन, पचिनिया, कैरी, पंची आदि सैकड़ों मजदूरों को मनेरगा में आज तक औसतन केवल पांच दिनों की ही मजदूरी मिली है। सन् 2007 के बने जाब कार्ड धारकों सत्नेश, भैरम आदि को तो काम ही नही मिला। हिरिया व सुमित्रा जैसी तमाम महिलाओं के तो जाब कार्ड ही नही बनाये गये। विकलांगों और विधवाओं को पेंशन भी नही मिल रही है। इसके साथ ही राशन, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी तमाम समस्यायें भी मिली। भ्रमण में संजय पांडेय, सुरेन्द्र वर्मा, गिरीश मिश्रा व डा. धर्म चौधरी आदि शामिल रहे।

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