गुप्‍त गोदावरी- जो आज भी अबूझ पहेली बनी है

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Monday, April 26, 2010

चित्रकूट में नहीं भूकंप का खतरा- डा. मिश्र

चित्रकूट। 'चित्रकूट भूकंप प्रभावी क्षेत्र नहीं'। इस बात की तस्दीक महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय में मप्र प्रौद्योगिकी परिषद के विश्वविद्यालय प्रकोष्ठ द्वारा सुदूर संवेदी तकनीकी के प्रयोग से प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन विषय पर व्याख्यान माला के दौरान भूगर्भ वैज्ञानिक डा. के एस मिश्र ने की। डा. मिश्र हाल ही में भारत सरकार के भूगर्भ सर्वेक्षण के उप निदेशक पद से सेवानिवृत हुये हैं।

उन्होंने कहा कि भूकंप एक ऐसी आपदा है जो बिना सूचना के आती है। गुजरात का कच्छ, हिमांचल प्रदेश तथा पूर्वोत्तर राज्यों में भूकंप आने की अधिक संभावनायें हैं। हमारे देश में मैप तैयार हो चुका है। उसमें चित्रकूट परिक्षेत्र को भूकम्प प्रभावी क्षेत्र से मुक्त रखा गया है।
उन्होंने बताया कि भूकंप की सतह से नीचे 35 मीटर की गहराई से बेसमेंट की चट्टानें अचानक ऊपर उठती हैं और भूकम्प आता है। उन्होंने कहा कि 70 प्रतिशत उपयोगी जल समुद्र में बहकर बेकार चला जाता है। इसे रोकने के उपाय होने चाहिये। गुजरात राज्य में घर-घर में जल प्रबंधन के लिये कार्य किये जा रहे हैं।
कुलपति प्रो. ज्ञानेन्द्र सिंह ने कहा कि पानी की समस्या बुंदेलखंड की सबसे बड़ी समस्या है। उन्होंने कहा कि यहां पर पानी के लिये शोध करने की आवश्यकता है।
इस दौरान विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कार वितरित किये गये। इस दौरान प्रकोष्ठ के समन्वयक डा. रमेश चंद्र त्रिपाठी ने अतिथियों का स्वागत कर वैज्ञानिक गतिविधियों की जानकारी दी। विभिन्न संकायों के शिक्षक, डा. अरुप कुमार गुप्ता, डा. रवीन्द्र सिंह, डा. सूर्य कांत चतुर्वेदी, डा. साधना चौरसिया सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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