गुप्‍त गोदावरी- जो आज भी अबूझ पहेली बनी है

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Sunday, August 8, 2010

. और जनता ने तय किया घोषणा पत्र

चित्रकूट। विचार मंथन की दिव्य भूमि पर दो दिनों के तगड़े विचार मंथन की प्रक्रिया और लगभग 120 जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों की सहमति के बाद 'पंचायत राज सही अर्थो में कैसे मजबूत व सार्थक होगा' को लेकर चित्रकूट घोषणा पत्र का मसौदा तय हो गया। अखिल भारतीय समाजसेवा संस्थान के भारत जननी परिसर में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के अंतिम दिन प्रख्यात पत्रकार भारत डोगरा ने कहा कि वास्तव में पंचायती राज की कल्पना को लेकर जो मसौदे तय किये गये थे वह आज बेमानी सिद्ध हो रहे हैं। धन बल, जन बल और बाहुबल के सहारे चुनाव लड़े जा रहे हैं। इन्हें रोकने का काम करना होगा।

समाजसेवा संस्थान के संस्थापक गोपाल भाई ने कहा कि वास्तव में पंचायत प्रतिनिधि को कच्चे घड़े के समान होता हे। भ्रष्टाचार तो ऊपर से नीचे की ओर आता है। इसलिये सामंतवादी ताकतों का मुकाबला कर सही ढंग से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की मदद की जानी चाहिये।
संस्थान के निदेशक भागवत प्रसाद ने कहा कि पंचायतों में अगर भ्रष्टाचार को समाप्त करना है तो निष्पक्ष छवि वाले इमानदार प्रत्याशी को ही चुनाव में उतरना व उसे विजयी बनाने के प्रयास करना चाहिये। इस विचार मंथन की प्रक्रिया के दौरान प्रदेश भर से आये जनप्रतिनिधियों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने कष्ट भरे अनुभव सुनाये। सामाजिक विज्ञान संस्थान की डा. संतोष सिंह, पंचायती राज व्यवस्था के विशेषज्ञ देवराज भट्टाचार्य के साथ ही सरस्वती,शशि निगम,अर्चन, संजय सिंह, राजा भइया, अभिषेक, संजो प्रधान आदि लोग मौजूद रहे।

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