गुप्‍त गोदावरी- जो आज भी अबूझ पहेली बनी है

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Sunday, August 8, 2010

. तो ये है चित्रकूट घोषणा पत्र

चित्रकूट। उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायतों के चुनाव के लिये अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान के भारत जननी परिसर के सभागार में लगभग 120 प्रतिनिधियों के विचार मंथन से जब चित्रकूट घोषणा पत्र सामने आया तो यह भारी भरकम दस्तावेज दो भागों में बनाया गया। पहला भाग पंचायती राज सही अर्थो में कैसे मजबूत हो और दूसरे भाग में चुनाव के दौरान जरुरी सावधानियों पर नजर रखी गई है।

पहले भाग के 32 बिंदुओं में गांव की एकता, दलित आदिवासियों का सम्मान, महिलाओं की भागीदारी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, विकास के साथ ही गांव की गुटबाजी, भ्रष्टाचार, पंचायत प्रतिनिधियों के वेतन भत्ते, नशे को रोकने, स्वदेशी को बढ़ावा देने जैसे विषयों को उठाया गया है।
चित्रकूट घोषणा पत्र के दूसरे भाग में पंचायत चुनावों की शुरुआती प्रक्रिया से अंतिम प्रक्रिया तक की बातें साफ की गई हैं। घोषणा पत्र के अनुसार चुनाव की खर्च सीमा निर्धारित रखने, मतदाताओं को धन, शराब, भय आदि से दूर रखने के उपायों व निष्पक्ष मतदान कराने के लिये सभी उपायों को किये जाने की चर्चा की गई है।
वैसे अभी गोरखपुर, बनारस, सहारनपुर और लखनऊ में होने वाले विचार मंथन के बाद इसके वास्तविक रुप में सामने आने की बात पत्रकार भारत डोगरा ने कही।

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