गुप्‍त गोदावरी- जो आज भी अबूझ पहेली बनी है

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Sunday, August 8, 2010

केवल चार महीनों में ही लिख डाला चार करोड़ राम नाम

चित्रकूट। जहां एक तरफ गुरुपूर्णिमा के मौके पर पूरे देश में लोग अपने गुरु की वंदना करने का काम करेंगे वहीं तीर्थ नगरी चित्रकूट के प्रवेश द्वार जिला मुख्यालय में सैकड़ों लोगों ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के नाम को ही गुरु मान लिया है। 25 जुलाई को सैकड़ों भक्त न केवल श्री राम के नाम से लिखे पन्नों पर अपने शीश नवायेंगे बल्कि अब उन्होंने अपना गुरु राम के नाम को ही मान लिया है। वैसे भगवान राम की कर्मभूमि तीर्थ नगरी चित्रकूट में यो तो उनके नाम का गुणगान हमेशा से होता चला आ रहा है, एक सौ आठ क्या दस हजार तुलसी के मनकों से जाप करने वाले दर्जनों की संख्या में लोग यहां पर आसानी से मिलते हैं पर जब तारक मंत्र राम नाम के लेखन का काम कार्तिक पूर्णिमा दिन से यहां प्रारंभ किया गया तो पांच साल के बच्चे से लेकर नब्बे साल के बुजुर्ग इस काम में इतनी तन्मयता के साथ जुटे कि आषाढ़ माह की तृतीय तक चार करोड़ राम नाम महामंत्र का लेखन कर डाला।

श्री राम नाम के मंत्र लेखन के काम को आगे बढ़ाने का काम करने वाले हरिश्चंद्र अग्रवाल
कहते हैं कि श्री राम का नाम तो तारक मंत्र हैं। इसके जप करने से जहां आत्मा को सुखानुभूति होती है वहीं परमात्मा के पास जाने का रास्ता भी सुगम होता जाता है। केवल कुछ महीनों में चार करोड़ मंत्र लेखन का काम सभी लोगों के भागीरथ प्रयास से हुआ है। इसमें पांच साल के बच्चों से लेकर नब्बे साल के वृद्ध शामिल हैं। अभी मंत्र लेखन के काम में मुख्यालय के लगभग सौ स्त्री पुरुष जुड़े हुये हैं।
श्री राम लीला भवन के प्रबंधक श्याम गुप्ता कहते हैं कि श्री राम मंत्र लेखन बैंक की स्थापना भवन में कर दी गई है। यहां पर कापियों को जमा करने और देने का प्रभारी बसंत राव गोरे को बनाया गया है। कापियां लोगों को निशुल्क दी जायेंगी।

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