चित्रकूट। महिला किसानों को उन्नतशील खेती के माध्यम से खेतों से ज्यादा पैदावार लेने के गुरु कृषि विज्ञान केंद्र में सिखाये जा रहे हैं। परिसर में विभिन्न ग्रामों से आई 20 महिलाओं को केंद्र के वैज्ञानिक बदलते मौसम में किसान महिलाओं को खरपतवार से खेतों को सुरक्षित रखने के साथ ही उनसे फसलों को होने वाली हानियों के बारे में भी बता रहे हैं।
केंद्र के वैज्ञानिक विजय कुमार गौतम ने बताया कि खरपतवार जमीन से नमी एवं पोषक तत्वों को अधिक मात्रा में अवशोषित करते हैं। जिससे फसलों की वृद्धि एवं उपज प्रभावित होती है। उन्होंने बताया कि निराई और गुड़ाई से फसल प्रभावित होती है। खरपतवार नियंत्रित होते हैं और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि नमी का संरक्षण होता है।
उन्होंने बताया कि फसलों की बुवाई के पन्द्रह से बीस दिन के अंदर एक निराई करनी चाहिये। खरपतवार नियंत्रण के लिये बाजार में तमाम प्रकार के रसायन उपलब्ध हैं पर उनसे फसल, मनुष्य, जानवर, मित्र, कीट और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। प्रसार वैज्ञानिक संत कुमार त्रिपाठी ने उन्नतशील कृषि यंत्रों व्हील हो, हैंड हो, बीडर और त्रिफाली की जानकारी दी और उनका प्रयोग मूंग और अरहर की फसल पर कराया।
कार्यक्रम समन्वयक डा. छोटे सिंह ने बदलते मौसम को लेकर इस तरह के कार्यशाला प्रशिक्षण लगातार आयोजित किये जाने की बात कही।
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