गुप्‍त गोदावरी- जो आज भी अबूझ पहेली बनी है

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Wednesday, August 31, 2011

खुशखबरी : जिले की पौने दो लाख से ज्यादा बेटियां होंगी सबला

जागरण विशेष
संदीप रिछारिया, रायबरेली : अब चिंता करने के जरूरत नही क्योंकि केंद्र सरकार ने दस वर्ष की उम्र के बाद से हाथ पीले करने की उम्र तक पहुंचने के पहले ही बेटियों को 'सबला' बनाने की मुहिम तेज कर दी है। सभी बेटियों को न केवल पोषित खाद्यान्न देने की पूरी व्यवस्था की गई है बल्कि उन्हें एक समझदार मां के साथ समझदार पत्‍‌नी बनाने के लिये भी सरकारी अमले ने कमर कस ली है।
वैसे तो बुधवार को यूपीए अध्यक्ष व जिले की सांसद सोनिया गांधी आईआईटी स्टेडियम में तमाम बालिकाओं, महिलाओं व आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को संबोधित करेंगी पर अभी से बाल विकास और पुष्टाहार विभाग के अधिकारी व कर्मचारी इस बात को लेकर प्रसन्न हैं कि सभी बेटियों को सबला बनाने में अब कोई दिक्कत नही है। पहले तो एक केंद्र से केवल तीन बेटियों का ही चयन किशोरी शक्ति परियोजना के अन्तर्गत होता था पर अब केंद्र सरकार की इस योजना से एक नये भारत का निर्माण होगा। प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रावती सिंह कहती हैं कि वैसे तो जिले में 11 से 18 साल तक की 1 लाख 79 हजार 100 बालिकाओं का सर्वे सभी केंद्रों पर किया जा चुका है। सभी सीडीपीओ और मुख्य सेविकाओं की ट्रेनिंग भी इस कार्यक्रम को चलाने के लिये हो चुकी है। फरवरी में केंद्र सरकार द्वारा प्रारंभ की गई यह योजना वास्तव में किशोरी शक्ति योजना का विस्तार है। पहले इस योजना में हर केंद्र से तीन बालिकाओं का चयन कर उन्हें ंिलाई, बिनाई, कढ़ाई व साफ्ट ट्वायज बनाने का प्रशिक्षण स्वयंसेवी संगठनों के द्वारा दिया जाता था। अब केंद्र में आने वाली सभी 11 से 18 साल तक की बेटियों के लिये पुष्टाहार के साथ ही शिक्षण और प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। इसके साथ ही पन्द्रह साल से अठारह साल तक की बेटियों के लिये अतिरिक्त मानवीय शिक्षा की व्यवस्था की गई है। यह शिक्षा उन्हें आंगनबाड़ी, प्राथमिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आशा के सहयोग से दी जायेगी। इस प्रशिक्षण में उन्हें न केवल गृहोपयोगी वस्तुओं को बनाने के प्रशिक्षण दिलाया जायेगा बल्कि परिवार नियोजन, गर्भवती का स्वास्थ्य, बच्चे की देखभाल, कुपोषण से संबधित आवश्यक जानकारियों से भी लैस कर उनकी आने वाले जीवन को मंगलमय करने का प्रयास किया जायेगा।
सबला होने वाली बालिकाओं की संख्या
11 से 18 साल तक की कुल बालिकाओं की संख्या - 179100
11 से 14 साल की स्कूल जाने वाली बालिकाओं की संख्या - 75660
11 से 14 साल की स्कूल न जाने वाली बालिकाओं की संख्या - 1745
15 से 18 साल की स्कूल जाने वाली बालिकाओं की संख्या- 57744
15 से 18 साल की स्कूल न जाने वाली बालिकाओं की संख्या- 28649
ये बनायेंगे सबला
जिला कार्यक्रम अधिकारी
16 ब्लाकों में कार्यरत 12 सीडीपीओ
83 पद स्वीकृत में 79 मुख्य सेविकायें
2127 में से 2076 आंगनबाड़ी कार्यक‌र्त्री
2063 सहायिकायें व
232 में से 170 संचालित मिनी आंगनबाड़ी केंद्र
ऐसे होगी पूरी परियोजना
सर्वे के बाद अब हर केंद्र पर बालिकाओं के प्रशिक्षण के लिये महिला कल्याण निगम एक-एक स्वयं सेवी संगठन के चयन का काम कर रहा है। विभागीय सूत्र बताते हैं कि यह काम जून के प्रथम सप्ताह तक हो जाने की उम्मीद है। 60 से 90 दिन के प्रशिक्षण के बाद बालिकायें स्वयं रोजगारी भी बन जायेगी।

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