Jun 17, 02:23 am
चित्रकूट। बहादुर एसओजी सिपाही की शहादत ने एक बार फिर गत वर्ष शहीद हुए सिपाही अभयराज राय की यादें ताजा कर दी हैं। घटना के बाद दस्यु नान की क्रूरता भी उजागर हो गयी है।
मंगलवार को पचास हजार के इनामी दस्यु नान की गोली का शिकार हुए बहादुर सिपाही शमीम की मौत से पुलिस महकमा सदमे में है। गौरतलब है कि गत वर्ष 23 मई को इसी इलाके में दस्यु नान के साथ एसओजी टीम की मुठभेड़ हुई थी। जिससे कांस्टेबिल अभयराज राय दस्यु नान की गोली का शिकार होकर शहीद हुए थे। इस घटना के बाद जहां पुलिस ने दस्यु नान केवट पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था, वहीं मुठभेड़ में बदमाशों का सहयोग करने के आरोप में उसके दर्जन भर रिश्तेदारों को जेल भेजा था। इसके बाद दस्यु नान यमुना पट्टी में रहकर आपराधिक वारदातें करता रहा, किंतु पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका। लगभग एक साल बाद दस्यु नान ने लगभग उसी अंदाज में फिर दुस्साहस पूर्ण वारदात को अंजाम दे दिया। इस घटना ने जिले में पहले हुए शहीद जवानों की याद ताजा कर दी हैं। गौरतलब है कि 22 जुलाई 07 को कुख्यात दस्यु ठोकिया ने भी 6 एसटीएफ सिपाहियों की हत्या कर दी थी। इसके बाद पुलिस महानिदेशक विक्रम सिंह ने दस्यु ठोकिया के सफाये के निर्देश दिये थे। जिसकी परिणित में दस्यु ठोकिया हलाक भी हुआ। वैसे दस्यु ठोकिया ने वर्ष 04 में भी सीतापुर चौकी के दो सिपाहियों की हत्या कर रायफलें लूटी थीं। इसके पूर्व दस्यु भोला ने बहिलपुरवा थाना क्षेत्र में दो जीआरपी सिपाहियों की ट्रेन में हत्या कर रायफलें लूट ली थीं। हालिया घटना ने कुख्यात दस्यु नान केवट की क्रूरता भी उजागर की है। लगातार दो बहादुर सिपाहियों की शहादत का जिम्मेदार यह बदमाश आखिर कब तक पुलिस के हाथों ढेर होगा यह तो आने वाला समय ही बतायेगा।
Thursday, June 18, 2009
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