Jun 21, 02:45 am
चित्रकूट। 'उज्जवर मौला पानी दे पानी दे गुड़ धानी दे'। 'अब तौ दैवौ धोखा देह लाग' कुछ इसी तरह के जुमले अब आम आदमी के मुंह से सुनायी दे रहे हैं। सरकारी कैलेंडर भी बेमानी साबित सा दिखाई पड़ने लगा है। बाढ़ की समीक्षा बैठक अप्रैल के महीने में ही निपटा चुका प्रशासन अब इस इंतजार में है कि 15 जून तो कब का निकल गया पर अभी तक इन्द्र देव ने पानी नहीं बरसाया है। वैसे लोगों ने उनको मनाने के लिए मंदिरों में भजन कीर्तन के साथ यज्ञ व हवन का कार्यक्रम शुरू कर दिया है।
पांच सालों से पानी के लिए तरस रही बुंदेली जमीन पर पिछले साल पहली बरसात 8 जून को हुई थी, पर इस बार अभी तक बारिश न होने से बुंदेलखंड की धरा तप रही है। लोगों का कहना है कि मार्च महीने से सूर्य देव का प्रकोप झेल रहे वह लोग इस इंतजार में हैं कि कब मौसम अंगड़ाई ले और झमाझम बरसात हो पर मौसम अभी तक रूठा हुआ है। फिलहाल क्षेत्र के बरहा के हनुमान जी, लैना बाबा, श्री कामतानाथ जी महाराज, स्वामी मत्स्यगयेन्द्र नाथ जी महाराज, नांदी के हनुमान जी, सूर्य कुड़ समेत तमाम और भी देव मंदिरों में लोग पानी के बरसने की आस के साथ हवन, पूजन व कीर्तन व भंडारा करने में जुट गये हैं। बरहा के हनुमान मंदिर के पुजारी विजय तिवारी बताते हैं कि पानी का बरसना अब बहुत जरूरी है। यहां आने वाला हर श्रद्धालु भगवान से केवल पानी ही मांग रहा है। मंदिर में कीर्तन, भजन और भंडारा कार्यक्रम लगातार चल रहा है। सबको उम्मीद है कि पानी जल्द ही बरसेगा।
Sunday, June 21, 2009
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