गुप्‍त गोदावरी- जो आज भी अबूझ पहेली बनी है

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Tuesday, May 5, 2009

रुग्ण हो चुकी मां मंदाकिनी को पूर्ण स्वस्थ करने का संकल्प



-संदीप रिछारिया
चित्रकूट। 'मंदाकिनी की धीमी मौत' शब्द ने अब रंग दिखाना चालू कर दिया है। मंदाकिनी को बचाने के लिए अब समाजसेवियों में चेतना जाग रही है। ब्रह्म विचार मंच के बाद गायत्री शक्ति पीठ ने भी अपनी मंशा साफ कर दी है। 'नर्मदा शुद्धि आंदोलन' की कामयाबी की दास्तान को 'मंदाकिनी शुद्धि आंदोलन' के नाम पर लिखे जाने के मंसूबे बांधकर स्थानीय गायत्री परिवार के मुखिया डा. राम नारायण त्रिपाठी ने कहा कि अब वे सिर्फ मंदाकिनी की सफाई तक ही सीमित नहीं रहेंगे। बल्कि रोगिणी हो चुकी मां मंदाकिनी को पूर्ण स्वस्थ करने का संकल्प है। 'दैनिक जागरण' में लगातार छप रहीं खबरों के बाद मंदाकिनी को बचाने के लिए लोग आगे आ रहे हैं। नदी बचाओ तालाब बचाओ आंदोलन के मुखिया सुरेश रैकवार ने 'जागरण कार्यालय' में आकर कहा कि अब उनका लक्ष्य जीवन प्रदायनी मंदाकिनी को पूर्ण स्वच्छ करने का है। सात मई से उन्होंने अपने साथियों के साथ मंदाकिनी के उद्गम स्थल से लेकर अंत तक पदयात्रा के साथ प्रदूषण के कारकों को चिह्नित करने के अलावा नदी किनारे बसे लोगों के अंदर नदी को बचाने के लिए जन जागरण फैलाने का है। कुछ इसी तरह के विचार बुंदेलखंड एकीकृत पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक संजय पांडेय के हैं। उन्होंने दूरभाष पर कहा कि मंदाकिनी की दुर्दशा से संबंधित खबरें पढ़कर दिल्ली व अन्य राज्यों में रहने वाले बुंदेलों के साथ ही अन्य लोग आंदोलित हो रहे हैं। इसके लिए अगर सरकार ने ठोस कदम न उठाये तो संसद पर प्रदर्शन करेंगे। उधर ब्राह्मण विचार मंच के कमलेश दीक्षित ने कहा अब उनके इस आंदोलन में साथ देने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मुख्यालय के रहने वाले समाजसेवी अजय रिछारिया ने कहा कि प्रोजेक्ट बनाकर काम करना सबके हित में रहेगा। कर्वी के लोगों की ओर से अगुवाई वे करेंगे और उनकी युवा टीम इसके लिये पूरी तरह से तैयार है। अतर्रा के रहने वाले समाजसेवी सच्चिदानंद उपाध्याय ने भी बीमार हो रही मंदाकिनी को ठीक करने में अपने सहभाग करने को जिंदगी का बड़ा लक्ष्य बताया।

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