गुप्‍त गोदावरी- जो आज भी अबूझ पहेली बनी है

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Tuesday, May 26, 2009

आतंकवाद से लड़ने का माध्यम तूलिका

May 27, 02:08 am
चित्रकूट। आतंकवाद के खिलाफ युद्ध और वह भी सिर्फ एक तूलिका से। आतंकवाद के खिलाफ तूलिका आंदोलन का आगाज 3 से 5 मई तक जब टाउन हाल में किया तो 300 मीटर का कपड़ा इन कलाकारों के लिए छोटा पड़ गया। 48 घंटों में पूरे होने वाले इस काम को कलाकारों ने सिर्फ 30 घंटे में पूरा कर डाला।
इस तूलिका आंदोलन में प्रमुख भूमिका निर्वहन करने वाले ग्रामोदय विश्वविद्यालय में कला विभाग के प्रमुख डा. प्रसन्न पाटकर बताते हैं मुम्बई के ताज होटल, नारीमन हाउस व ओबेराय कांटीनेंटल में हुए आतंकी हमलों के बाद हर हिंदुस्तानी के दिलो दिमाग पर वह खौफनाक मंजर छा गया था। हर एक भारतवासी उस मंजर को अपने जेहन में रखकर आतंकियों के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए आगे आने के बारे में सोचने लगा। यहां पर भी जब कलाकारों की बिरादरी में इसकी बात चली तो उत्साही कलाकार सामने आये। ये सब उनके पुराने व नये छात्र थे। सौरभ श्रीवास्तव, विनय साहू, दिलीप गुप्ता, सोनी, अभय वर्मा, मयंक ने मन बनाया कि तीन सौ मीटर कपड़े पर आतंकवाद से निजात के लिए व लोगों को जागरूक करने के लिए पेंटिंग बनायी। पेंटिंग जोरदारी के साथ होने के बाद चुनाव का दौर होने के कारण आचार संहिता आडे़ आ गई। तमाम पेंच फंसने के बाद किसी प्रकार से 300 मीटर की इस पेंटिंग का डिस्प्ले मंगलवार को चित्रकूट इंटर कालेज के विशाल मैदान में किया गया। यहां उत्साही कलाकारों दिलीप गुप्ता, सौरभ श्रीवास्तव और विनय साहू ने बताया कि देश के लिए काम करके वे काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

5 comments:

  1. gr8
    visit me at swachchhsandesh.blogspot.com

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  2. aise aayojan hote rahne chahiye
    BADHAI!

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  3. हिंदी ब्लोग जगत में आपका स्वागत है

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  4. आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . लिखते रहिये
    चिटठा जगत मैं आप का स्वागत है

    गार्गी

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