चित्रकूट। विश्व यू3ए सम्मेलन में भाग लेने आयी साउथ अफ्रीका के केपटाउन की रहने वाली सिल्विया हैज के मुंह से तो यही निकला मिनी खुजराहो बहुत बढि़या है। अपनी पुत्री लुई लुइस के साथ यहां पर आई इस विदेशी मेहमान ने आश्चर्य व्यक्त करते हुये कहा कि चित्रकूट में पर्यटन के हिसाब से इतना कुछ है कि लोगों का मन ही नही भर सकता। जंगल, पहाड़, नदी और झरने तो हैं ही साथ ही कलात्मक मूर्तियों को देखने के बाद जब गणेश देखा तो वास्तव में मन भर गया।
मां और पुत्री दोनो ने कहा कि जहां के लोग इतना प्यार और सम्मान देने वाले हों वह स्थान इतना उपेक्षित है। विश्वास ही नही होता।
गणेश बाग की चंदेल कालीन मूर्तियों को देखकर कहा कि वास्तव में हिंदू बहुत बड़े कलाकार थे जिन्होंने सारे विश्व को इतने अनुपम उपहार विरासत के रुप में दिये हैं।
उन्होंने दुख प्रकट करते हुये कहा कि आरकोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया का काम आगरा, वाराणसी और अन्य जगहों पर उन्होंने देखा है पता नही क्यों वे लोग या भारत सरकार इतने विशेष स्थानों को उपेक्षित किये हुये है।
Wednesday, February 10, 2010
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